देखा राजेश तुमने इतना अच्छा रिश्ता हाथ से निकल गया जो भी आता है इसका चेक चेहरा देखकर रिश्ता मना करके चला जाता है पता नहीं तुम्हारी बहन का चेहरा बदसूरत है इसी बात का तो रोना है सुमन इसके चेहरे को लेकर ही तो मेरी बदनामी हो रही है उम्र बढ़ती जा रही है सब मुझे ताने देते हैं कि मैं भाई होकर अभी तक अपनी बहन की शादी नहीं करवा पा रहा इससे अच्छा तो मैं बदसूरत बहन का भाई होना ही मेरे भाग्य में क्यों लिखा था तभी उसकी मां विमला वहां आ जाती है अरे बस भी करो तुम दोनों तो कोमल के पीछे पड़ गए हो हो इसमें इस बेचारी की क्या गलती है जब ये पैदा हुई थी तभी से इसके चेहरे पर ये दब्बे हैं पर मेरी बेटी लाखों में एक है कितनी अच्छी है कभी पूछा सुमन से घर के सारे काम करके ये देती है बाजार से सामान लाना खाना बनाना सबकी देखभाल करना अगर कोमल ना हो तो इस घर का क्या हाल हो ये तुम नहीं जानते मां भैया भाभी ठीक ही तो कह रहे है मेरे बदसूरत चेहरे को लेकर कितनी सारी बातें सुननी पड़ती है काश में पैदा होती मर जाती तो आज आप सबको इतना दुख नहीं झेलना पड़ता कोमल मेरी प्यारी बच्ची आज तो बोल दिया है आगे से ऐसा मत बोलना क...
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