लकड़ी का जादुई शीशा
देखा राजेश तुमने इतना अच्छा रिश्ता हाथ से निकल गया जो भी आता है इसका चेक चेहरा देखकर रिश्ता मना करके चला जाता है पता नहीं तुम्हारी बहन का चेहरा बदसूरत है
इसी बात का तो रोना है सुमन इसके चेहरे को लेकर ही तो मेरी बदनामी हो रही है उम्र बढ़ती जा रही है सब मुझे ताने देते हैं कि मैं भाई होकर अभी तक अपनी बहन की शादी नहीं करवा पा रहा
इससे अच्छा तो मैं बदसूरत बहन का भाई होना ही मेरे भाग्य में क्यों लिखा था
तभी उसकी मां विमला वहां आ जाती है
अरे बस भी करो तुम दोनों तो कोमल के पीछे पड़ गए हो हो इसमें इस बेचारी की क्या गलती है जब ये पैदा हुई थी तभी से इसके चेहरे पर ये दब्बे हैं
पर मेरी बेटी लाखों में एक है कितनी अच्छी है कभी पूछा सुमन से घर के सारे काम करके ये देती है बाजार से सामान लाना खाना बनाना सबकी देखभाल करना अगर कोमल ना हो तो इस घर का क्या हाल हो ये तुम नहीं जानते
मां भैया भाभी ठीक ही तो कह रहे है मेरे बदसूरत चेहरे को लेकर कितनी सारी बातें सुननी पड़ती है काश में पैदा होती मर जाती तो आज आप सबको इतना दुख नहीं झेलना पड़ता
कोमल मेरी प्यारी बच्ची आज तो बोल दिया है आगे से ऐसा मत बोलना कभी तुम्हारे पिताजी के जाने के बाद तुम दोनों बच्चे ही तो मेरा सहारा रमेश अपनी बहन को गलत मत बोल अगर उसे कुछ हो गया तो मैं तुझे कभी माफ नहीं करूंगी
अरे मां जी आप जानती नहीं हो कोई रिश्ता बताऊंगी इसके लिए तो इसकी शक्ल देखकर ही रिश्ते के लिए मना कर देंगे
अब सारी जिंदगी इसको घर पर तो थोड़ी रख सकते हैं हमें भी अपना परिवार बनाना है लोग तो बातें बनाएंगे की कैसे लोग हैं कुंवारी लड़की को घर पर बिठा रखा है
अपने भैया भाभी की बातें सुनकर कोमल की बोलती बंद हो गई और वो चुपचाप वहां से रोते हुए जंगल की ओर चली गई चलते-चलते काफी थक गई
और वो एक पेड़ के नीचे बैठ गई
मुझे तो बहुत जोरों की भूख लगने लगी
मैं तो बहुत दूर आ गई अब मैं घर जाऊंगी तो फिर से वही बात
अब तो मेरे पास पैसे भी नहीं है काश में अपने साथ कुछ पैसे ले आती अब मैं अपना गुजारा कैसे करूंगी
उसके इतना कहते ही बहुत सारा खाना और नोटों की गाड़ियां उसके सामने आ जाती है
अरे ये खाना और पैसे कहां से आया
तभी वो जिस पेड़ के नीचे बैठी थी उसमें से आवाज आती है
बेटी ये खाना और नोटों की गाड़ियां मैंने दी है
है भला ये कैसे संभव हो सकता है ये पेड़ पैसे और खाना कैसे दे सकता है
बेटी में एक जादुई पेड़ हूं मैं किसी की भी इच्छा पूरी कर सकता हूं
तुमने अभी खाने की और पैसों की इच्छा जताई थी इसलिए मैंने तुम्हें ये सब दिया
लेकिन तुम इस जंगल में क्या करने आई हो
तभी कोमल ने उस जादुई पेड़ को सारी बात बताई
बेटी तुम मेरे तने से लकड़ी का फ्रेम बना लेना फिर उसमें एक हिस्सा लगवा लेना
मेरे तने से बना हुआ शीशा भी जादुई होगा तुम बस उसके सामने खड़े हो जाना तुम बस अपनी इच्छा बतानी
फिर तुम्हें जो भी चाहिए वो मिल जाएगा
ये सुनकर कोमल बहुत खुश हुई
उसने फिर पेट भरकर खाना खाया फिर उस पेड़ ने अपना तना दिया
जिसे देखकर कोमल सोचने लगी
ऐसा करती हूं रास्ते में शीश दुकान पर बनाने के लिए दे देती हूं
और अगले दिन वो नया फ्रेम लगवा कर शीश घर ले आती है
अगले दिन नाह धोकर जब कोमल शीशे में अपना चेहरा देखती है
और कहती है
हे जादुई शीशा दिखा दे अपना कमाल
कोमल की इतना बोलते ही जादू शीशे से तेज रोशनी उत्पन्न होती है और वो कोमल के अंदर समा जाती है जिससे उसके चेहरे के सारे दाग गायब हो गए थे कोमल हैरान रह जाती है तभी शीशे में से आवाज आती है
मैं एक चमत्कारी शीशा हूं मुझ में ऐसी शक्ति है कि मैं किसी को भी खूबसूरत बना सकता हूं मैं तुम्हें भी खूबसूरत बना दिया मैं जानता हूं कि तुम बहुत अच्छे स्वभाव की हो और मैं उन्हीं की मदद करता हूं जो किसी के साथ अच्छा व्यवहार करें इसीलिए मैं तुम्हें खूबसूरत बना दिया
हां हां मैं तो सचमुच बहुत सुंदर हो गई हूं मां मां देखो ये चमत्कारी शिशा है इसने मुझे सुंदर बना दिया
ये तो सच में चमत्कार हो गया कोमल तू कितनी सुंदर हो गई है
अच्छा तो ये चमत्कारी शिष्य है वा कोमल तेरी तो किस्मत ही बदल गई तू तो बहुत सुंदर हो गई
ह चलो अच्छा है अब इसके लिए अच्छे घर के रिश्ते भी मिल जाएंगे
हां ये तू ने सही कही है अब हमको कोमल के लिए कोई अच्छा रिश्ता ढूंढ लेंगे
एक दिन कोमल बहुत बड़े घर का रिश्ता मिल गया वो लोग बहुत पैसे वाले थे लड़के की मां अपने बेटे और बेटी के साथ कोमल को देखने के लिए पहुंची लड़के ने कोमल को देखते ही पसंद कर लिया और दोनों के रिश्ते की बात हो गई
हमें आपकी कोमल बहुत पसंद है वैसे तो हम अपनी गरिमा की शादी पहले करना चाहते थे पर गरिमा के चेहरे पर ये निशान है जिसे देखकर कोई भी लड़का रिश्ते के लिए हां नहीं कहता है इसी कारण हम अपने बेटे की शादी पहले कर रहे हैं
आप चिंता मत कीजिए मेरे पास एक चमत्कारी शिशा है जिसमें देखने से गरिमा बहुत सुंदर हो जाएगी आओ गरिमा मेरे साथ
कोमल गरिमा को अपने साथ कमरे में ले जाती और उसे शीशे में देखने के लिए कहती है गरिमा जैसे ही शीशे में देखती है वो बहुत सुंदर हो जाती है सब लोग बहुत खुश होते हैं की गरिमा कितनी सुंदर हो गई कोमल की शादी पक्की हो जाती है शादी का दिन नजदीक आ जाता है कोमल का रिश्ता इतने बड़े घर में जुड़ता देख उसकी भाभी ईर्ष्या से भर जाती है और उस शीशे को जानबूझकर तोड़ देती है शीशा टुटते ही कोमल फिर से अपने रूप में आ जाती है पर ये क्या कोमल के साथ-साथ मधु भी बदसूरत हो जाती है और उसके चेहरे पर दाग धब्बे हो जाते हैं मधु घबरा जाती है
ये मुझे क्या हुआ मेरा रूप रंग कहा गया मैं बदसूरत कैसे हो गई मैं तो कोमल से भी ज्यादा बदसूरत हो गई
ये सब तेरी करनी का फल है तूने जानबूझकर वो शीशा तोड़ा है ना
इसीलिए तुझे उसकी सजा मिली है मेरी बेटी की आज शादी है और तूने मेरी बेटी की शादी तुड़वाने के लिए शीशे को तोड़ दिया तू इतना ईर्ष्या से भर गई
मधु मां ठीक रही है मैं तो चाहता था कि कोमल की शादी हो जाए मैं बहुत खुश था पर तुमने तो सारी हदें ही पार कर दी तुमने शीशे को तोड़ दिया जिसकी वजह से मेरी बहन सुंदर बनी थी
जादुई शीशा भले तुम्हारे टुकड़े हो गए हैं पर मैं जानती हूं कि तुम मुझे सुन सकते हो मेरी भाभी को ठीक कर दो
हां मैं तुम्हें सुन सकता हूं मेरा जादू खत्म होने से पहले मैं तुम्हारी भाभी को ठीक कर सकता हूं पर इसके लिए तुम्हें अपनी सुंदरता का बलिदान देना होगा अगर तुम्हारी भाभी सुंदर हुई तो तुम्हें हमेशा के लिए अपने इसी रूप में रहना होगा जिसमें तुम पहले थी बोलो तुम्हें मंजूर है
हां आप मेरी भाभी को ठीक कर दो मैं पहले जैसी ठीक हूं मेरी किस्मत में जो लिखा होगा वो मुझे मिल जाएगा पर मेरी भाभी को इतनी बड़ी सजा मत दो
कोमल की बातें सुनकर मधु की आंखों में आंसू आ जाते हैं जादुई शीशा मधु को ठीक कर देता है पर कोमल अपने पहले वाले रूप में रहती है मधु को अपनी गलती का एहसास हो चुका था पर अब डर था कि कहीं कोमल के ससुराल वाले उसे रूप में देखकर शादी के लिए मनाना कर दे पर ऐसा नहीं था
कोमल तुम्हारी सुंदरता तो तुम्हारी भीतर है व्यक्ति अपने व्यक्तित्व से सुंदर बनता है ना की ऊपरी सुंदरता से तुम हमारे घर की बहु जरूर बनोगी हमारी गरिमा तुम्हारी वजह से सुंदर हुई है तुमने जो उसके लिए किया है वो कोई भी नहीं कर सकता था
बहन जी की शादी की तैयारी शुरू कीजिए हम शाम को बारात लेकर समय पर पहुंच जाएंगे
कोमल दुल्हन के रूप में बहुत सुंदर और प्यारी लग रही थी ये सुन्दरता उसकी अपनी खुद की पहचान थी जो उसके व्यक्तित्व को और निखार रही थी कोमल अपनी मां और भाई भाभी के गले लगा कर खुशी-खुशी अपने ससुराल फिदा होती है
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