पूनम मुंबई में रहती थी उसके पापा मैगी का ठेला लगाते थे पूनम भी उसे काम में अपने पापा का साथ देती थी


पापा यह लो सारी मैगी भी तैयार हो गई और चटनी भी बना दी बस मीठी चटनी आप बना लो मैं हरी चटनी बना दी है


पूनम बेटी सारा काम तो तूने ही कर दिया तू तो मेरी आदत खराब कर रही है बेटी कुछ दिनों में तू ससुराल चली जाएगी तो तेरे बिना काम में बिल्कुल मन नहीं लगेगा तेरी बहुत कमी खलेगी बिटिया



बस रो दिए पूनम अब तू ही अपने पापा को संभाल थोड़ी-थोड़ी देर में ही मन भारी कर लेते हैं



पापा मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी मुझे यह शादी नहीं करनी है मैं आपके और मम्मी के बिना नहीं रह पाऊंगी




नहीं बिटिया ऐसे नहीं कहते बेटियों को अपने ससुराल जाना ही होता है मुकेश बहुत अच्छा लड़का है तू ससुराल में बहुत खुश रहेगी




पूनम की शादी दिल्ली में तय हो गई थी 1 महीने बाद पूनम की शादी थी इसलिए वह दूसरे शहर में जाने के कारण थोड़ी उदास थी



सुमन बड़ी थी और एक छोटा भाई था जो पढ़ रहा था धीरे-धीरे एक महीना बीत गया




मुकेश और पूनम की शादी का समय आ गया पूनम के माता-पिता धूमधाम से शादी करके उसे डोली में बिठाते हैं




शादी के बाद पूनम मुंबई से दिल्ली अपने ससुराल आ जाती है पूनम का पति मुकेश एक गैराज में गाड़ियों की मरम्मत करता था पूनम समझदार थी उसने आते ही अपने सारे घर को संभाल लिया




बस बहू में और रोटी नहीं लूंगी मुकेश को दे देना




मुझे भी बस एक ही रोटी देना पेट में बिल्कुल जगह नहीं है




इतना स्वादिष्ट खाना बनाया है बहू की मैं एक रोटी भूख से बढ़कर खा गई





कहां मां की दो निवाला की एक रोटी होती है मेरी छोटी-छोटी अब मैं आ गई हूं ना आपको बिल्कुल गरम-गरम रोटी खिलाऊंगी




हमारे तो भाग्य खुल गए बहू जो तुम हमारे घर में बहू बनकर आई हो जीती रहो




सुनिए मैं आपका टिफिन पैक कर दिया है यह लीजिए मैं 2 मिनट में आई



ठीक है मैं बाहर तब तक मोटरसाइकिल निकलता 



माजी क्या-क्या राशन लाना है



बस यही बहू जो लिखवाया है बाकी अपने लिए जो तुम चाहो वह खरीद लेना



ठीक है मां जी मैं थोड़ी देर में लौटी हूं



पूनम मुकेश के साथ मोटरसाइकिल पर बाजार में चली जाती है



पूनम तुम कहो तो मैं गैराज में बाद में चली जाऊंगा तुम अकेले घर सामान लेकर कैसे जाओगी




तुम चिंता मत करो मैं ऑटो लेकर चली जाऊंगी



मुकेश पूनम को बाजार में छोड़कर आगे निकल जाता है मुकेश की मोटरसाइकिल के आगे पत्थर आ जाता है और उसकी मोटरसाइकिल लड़खड़ा जाती है और वह गिर जाता है जिससे उसे काफी चोट आ जाती है



पूनम कुछ ही दूरी पर थी वह वहां पहुंच जाती है



हे ईश्वर यह क्या हो गया भाई साहब थोड़ी मदद कीजिए




चिंता मत करो बहन जी सब ठीक हो




कुछ लोग मुकेश को बराबर के अस्पताल में ले जाते हैं तथा कुछ देर बाद मुकेश को आराम मिलता है




ज्यादा गंभीर छोटी तो नहीं थी पर मुकेश की पर की हड्डी टूट गई थी



2 दिन बाद मुकेश को छुट्टी मिलती है



मां मैं ठीक हूं बस पर की हड्डी में ही तो फैक्चर है कुछ महीनो बाद ठीक हो जाऊंगा चिंता मत करो




अरे मां हूं ना बेटा तू नहीं जानता जरा सी भी चोट आ जाए तो मां का कलेजा निकल जाता है तेरे तो इतनी ज्यादा चोट आई है




अब तो कुछ दिन के लिए गैराज में नहीं जा सकता




जाना भी नहीं है डॉक्टर ने अभी 6 महीना के लिए रेस्ट के लिए बोला है आप चिंता मत करो पैसों की कोई तंगी नहीं आएगी




मैं कोई काम शुरू कर देता हूं ताकि घर में थोड़े पैसे आते रहेंगे



पूनम के माता-पिता भी मुंबई से आ जाते हैं पूनम ने उन्हें फोन पर सारी बात बताई थी




जिसे सुनकर वह रह नहीं सके




दामाद जी काम की कोई चिंता मत करो पूनम ने मुझसे चाट बनाना काफी अच्छी तरीके से सीखा हुआ है




सुमन बिटिया तू यहां मुंबई वाली मैगी बनाना शुरू कर तू बहुत अच्छी बनती है




कुछ दिन में यहां रुक जाता हूं जब कम सेट हो जाएगा तब मैं वापस चला जाऊंगा



हां पापा यह ठीक रहेगा मुंबई वाली मैगी यहां बहुत अच्छी चलेगी हमारे यहां आस-पास किसी ने मुंबई वाली मैगी का काम नहीं शुरू किया हुआ




मुकेश बेटा आप सारी चिंता छोड़ दो आपके पापा और मैं अब कुछ दिन यही रहेंगे




शुक्रिया मां शुक्रिया पापा आपने मुझे बहुत अधिक हिम्मत दी है




ऐसी बहू और ऐसे संधि सचमुच बहुत नसीब वालों को मिलते हैं




पूनम की आंख में भी आंसू आ जाते हैं




मुकेश को भी अपने सास ससुर आने के बाद बहुत हिम्मत मिल गई थी




पूनम अपने पापा के साथ मैगी का ठेला शुरू करती है जिस पर लिखा था मुंबई की मैगी




मैगी के दीवाने तो बहुत लोग हैं और दिल्ली में तो मैगी के सभी दीवाने हैं



पूनम और उसके पापा ने मैगी का ठेला लगा लिया



उनकी मैगी बहुत अधिक पसंद की जा रही थी



पूनम बिटिया मुझे लगता है तू अब काम संभाल लेगी मुझे अब चलना चाहिए




महेश भी अपनी बुआ के घर बहुत दिन से रुका हुआ है पर बोल रहा था कि हमारे बिना उदास हो रहा है



पापा महेश भी बहुत दिन अकेला रुक गया और आपको मुंबई का भी तो काम संभालना है



वह भी बहुत दिनों से बंद पड़ा है अब तो मैं सब कुछ संभाल लूंगी आप बिल्कुल भी चिंता मत करो



पूनम के माता-पिता वापस मुंबई लौट आते हैं



पूनम अकेली ही रोजाना मैगी का ठेला लगाने लगा



पूनम अकेली ही रोजाना मैगी का ठेला लगाने लग गई




पूनम दीदी आपकी मैगी का कोई जवाब नहीं है


हां पूनम दीदी यह तो सच है आप में की बहुत बढ़िया बनाती हो साथ में हरी चटनी और लाल चटनी यह भी बहुत अच्छी है



बस आप सब ग्राहक तारीफ कर देते हो तो मुझे



काम करने में और प्रेरणा मिलती है



यह लो यह लो इसी बात पर यह मैगी फालतू खाओ



पूनम ऐसे ही रोजाना शाम के समय बाजार में ठेला




पूनम ऐसे ही रोजाना शाम के समय बाजार में ठेला लगती थी पूनम की मैगी धीरे-धीरे दिल्ली में फेमस होने लगी अब तो उसे शादी में परियों के ऑर्डर भी मिलने लगे



इस काम में पूनम की सास भी उसकी मदद करती थी



अभी शादी और पार्टी के आर्डर मिलते तो पूनम अपनी सास के साथ जाती थी


और वहां पर अपना स्टोर लगती



ढोल पर मुंबई की मैगी लिखा देखकर लोगों की नजर सबसे पहले वही पढ़ती थी


बहुत अच्छे पैसे कमा लिए पूनम ने


एक दिन पूनम मुकेश और अपनी सास से बोली



सुनो अब तो तुम्हारी तबीयत में थोड़ा सुधार हो गया है मैं सोच रही हूं तुम गैरेज का काम छोड़ दो हम मैगी की एक दुकान खोल लेते हैं




अब तो हमारे पास कुछ पैसे इकट्ठे हो गए हम कुछ कारीगर भी रखेंगे



पूनम तुमने तो मेरी पूरी जिंदगी ही बदल दी कहते हैं एक आदमी की सफलता में एक औरत का हाथ होता है



तुमने तो मेरा बहुत साथ दिया है



तुम जैसा चाहती हो हम वैसा ही करेंगे



जीते रहो मेरे बच्चों



और सभी की मेहनत से सब कुछ अच्छा होने लगा मुकेश किराए पर एक दुकान ले लेते हैं जहां पर वह अपने साथ-साथ कुछ कारीगर भी रखते हैं जो काम में उनकी मदद कर देते हैं



कहते हैं परिस्थितियों तो जीवन में आती जाती रहती है इंस्टिट्यूट से डर कर नहीं बल्कि परिस्थितियों का मुकाबला कर कर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है



व्यक्ति संघर्षों से लड़ता है वही ऊंचा मुकाम प्राप्त करता है




जैसा पूनम ने किया वह पर इंसानों से डरी नहीं बल्कि उनसे बचने का रास्ता ढूंढा





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