चाची : - बेटी : - चाचा : - सासू मां : - रिया की जेठानी : - रिया बहू : -
चाची : - मनहूस है तू मनहूस सुबह-सुबह तेरी शक्ल देख ली अब पूरा दिन खराब होगा पैदा होते ही तेरे माँ-बाप को खा गई चल
जा बेटा अंदर जा इसके साथ कहीं मत जाया कर
गांव के लोग जिस मासूम को मनहूस कहकर ताने सुना रहे हैं उस मासूम का नाम है रिया
रिया जब पैदा हुई तो उसकी मां चल बसी और कुछ समय बाद चिंता और बीमारी से उसके पिता भी चल बसे रिया अपनी दादी और चाचा चाची के साथ रहती है रिया की दादी शुरू से उसे मां दुर्गा के बारे में बताती आई है जब कभी रिया दुखी होती है उसकी दादी उसे मां दुर्गा का ध्यान करने के लिए कहती है
बेटी : - दादी सब मुझे मनहूस कहकर बुलाते हैं गांव के सब लोग मुझे इसी नाम से पुकारते हैं
दादी : - मेरी बच्ची तू किसी की बात का बुरा मत माना कर तू मां दुर्गा का ध्यान कर उनकी पूजा में मां दुर्गा सारे दुखों को हरने वाली है मेरी बच्ची
रिया मां दुर्गा से प्रार्थना कर रही थी कि पीछे से उसकी चाची जाकर उसके कान में मरोड देती है
चाची : - अच्छा तो कामचोर यहां बैठी है पूरे घर का काम ऊपर से तेरे मां-बाप आकर करेंगे चल उठ यहां से
बेटी : - चाची मां बापू को गलत मत बोलो जो कहना है मुझे कह लो
चाची : - मुझे आंख दिखाई है तेरी इतनी हिम्मत आज तो नहीं बचेगी
रिया की चाची चूल्हे से गर्म लकड़ी निकाल कर उसके हाथ को जला देती है तो रिया जोर से चिल्लाती है
तभी रिया के चाचा और उसकी बेटी अनु भी वहां आ जाते है
चाचा : - अरे तू पागल हो गई है क्या रिया को मार डालेगी क्या
चाची : - रुको आज मैं यहां से चली जाती हूं रहो तुम अपनी भतीजी के साथ
बेटी : - नहीं चाची तुम घर छोड़कर मत जाओ चाचा मुझे कुछ नहीं हुआ मैं एकदम ठीक हूं
प्रिया अपनी चाची को जाने से रोक लेती है क्योंकि वो जानती थी अगर चाची वहां से चली गई तो अनु और उसके चाचा को कौन संभालेगा
रिया पूरी रात अपनी दादी की गोदी में सिर रखकर रोती रहती है
ऐसे ही दिन महीने और साल बीते चले गए
रिया बड़ी हुई तो उसके चाचा ने उसकी शादी के बारे में सोचा
चाचा : - पूनम मैं सोच रहा था कि अब रिया की शादी कर देते हैं भाभी के गहने संभाल कर रखे हुए हैं ना
चाची : - लड़का तो मिलने दो तुम तो ऐसा सोचते हो जैसे मैं कोई चोर हूं तुम्हारी भाभी के गहने बेच आई हूं जब देखो एक ही बात बोलते रहते हो
पूनम को लालच था कि रिया की शादी कहीं अच्छे घर में हुई तो वो गहने उसको देने पड़ेंगे एक दिन उसकी मुलाकात अपनी जान पहचान की एक औरत से हुई उसने उसके लिए रिश्ता बताया
चाची : - बात तो तू सही कह रही है तू एक काम कर ये रिश्ता पक्का कर दे
चाचा : - पूनम तू पागल हो गई है नेहा जी का बेटा दिमागी तौर पर ठीक नहीं है तो फिर भी तू चाहती है कि रिया की शादी उससे हो जाए
चाची : - जानते हो कितने रईस खानदान से है नेहा जी तुम्हारी भतीजी वहां रानी बनाकर राज करेगी राज अरे पागल है तो क्या कम से कम ऊंचे घर में शादी तो हो जाएगी वरना तुम्हारी मां उस भतीजी से कोई शादी नहीं करेगा फिर अनु की भी शादी करनी है अगर ये कुंवारी बेटी रही तो फिर अनु की कोई शादी नहीं करेगा
बेटी : - चाचा चाची ने कुछ अच्छा ही सोचा होगा मुझे ये रिश्ता मंजूर है
बूढी मां : - अरे बेटी ये तुम्हारा फायदा उठा रहे है मत कर तू शादी के लिए हां
बेटी : - मां तुम ही तो कहती हो मां दुर्गा तुम्हारे हर समय साथ है उनके होते हुए मेरे साथ कुछ गलत कैसे हो सकता है
रिया की शादी नेहा जी के पागल बेटे से हो जाती है रिया की जेठानी रिया को बिल्कुल पसंद नहीं करती थी
सासू मां : - रिया बहू ये हीरो का हार मेरी सास ने मुझे दिया था ये खानदानी हार है आज से ये मैं तुझे देती हूं
रिया की जेठानी : - हीरो का हार पता नहीं मा जी ने रिया को कैसे दे दिया अगर ये ऐसे ही माझी माझी करती रही तो मुझे कुछ नहीं मिलेगा मुझे इस घर से निकलाने का उपाय तो ढूंढना ही होगा
रिया रोजाना मां दुर्गा के मंदिर जाती थी और वहां अपने और अपने परिवार के लिए रोजाना मां दुर्गा से प्रार्थना करती थी
रिया की जेठानी को उपाय मिल गया और जब एक दिन रिया मंदिर जा रही थी तो रिया की जेठानी भी अपनी सास को लेकर मंदिर जाने लगी
गुंडा : - जी आपका नाम रिया है ना आपके चाचा जी वहां पहाड़ के पास बैठे हैं वो आपसे मिलने आ रहे थे अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई उन्होंने मुझे आपको बुलाने के लिए भेजा है
रिया बहू : - चाची जी चलो भैया जल्दी से चलो मुझे उनके पास ले चलो
जेठानी ये सब कुछ पहले से जानती थी उसने अपनी सास से बोला
रिया की जेठानी : - माजी रिया तो आपको मंदिर के लिए बोलकर गई है फिर वो उस लड़के के साथ पाहड के पीछे क्यों जा रही है
सासू मां : - पता नहीं बहू जरा देख तो
रिया की सास और जेठानी उसके पीछे-पीछे पहाड़ी पर जाते हैं लड़का रिया को एक खंडहर में ले गया
रिया बहू : - भैया चाचा जी तो यहां नज़र नहीं आ रहे हैं
गुंडा : - अरे इतनी भी क्या जल्दी है पहले थोड़ा करीब तो आओ
रिया बहू : - छोड़ो मुझे छोड़ो ये क्या कर रहे हो छोड़ो छोड़ो मुझे छोड़ो जाने दो मुझे जाने दो
गुंडा : - तुम खुद ही तो मुझे यहां लाई हो तुम ही तो मुझे कह रही थी कि तुम्हारा पति पागल है तुम उससे खुश नहीं हो कितने दिनों से तो तुम मुझे यहां ला रही हो ये देखो ये हीरो का हार तुम हीं तो मुझे दिया था और कहा था कि इसे बेचकर हम भाग जाएंगे
रिया बहू : - क्यों झूठ बोल रहे हो शर्म करो मैं तुम्हारे साथ यहां कब आई और ये हीरो का हार ये तुम्हारे पास कैसे आया
सासू मां : - शर्म आनी चाहिए रिया तुम मेरे घर की बहू लायक नहीं हो तुम चरित्रहीन हो
रिया बहू : - माझी मुझ पर विश्वास कीजिए मैंने ऐसा कुछ नहीं किया मैंने अपना पतिव्रत धर्म नहीं तोड़ा
रिया की जेठानी : - फिर उसके पास वो हार कैसे आया मां जी ये जब देखो जय दुर्गा मां जय दुर्गा मां करती रहती है इसका फैसला मंदिर के पुजारी जी ही करेंगे इसके घर वालों को बुलाते हैं और इसका फैसला वही करते हैं
रिया सास और जेठानी के साथ मां दुर्गा के मंदिर में जाती है सब गांव वाले वहां इकट्ठे हो जाते हैं रिया के चाचा चाची और दादी भी वहां पहुंच जाते हैं
रिया बहू : - मेरा विश्वास किजिए मैं बिल्कुल गलत नहीं हूं मेरी कोई गलती नहीं कि मैं दुर्गा मां की कसम खाकर कहती हूं मैंने कोई पाप नहीं किया ये लड़का झूठ बोल रहा है
हूं हूं दुर्गा मां आप तो जानती हो मैंने कोई पाप नहीं किया बचपन से लेकर आज तक सब मुझे मनूहस कहते रहे मुझे कोसते रहे पर मैंने लडके छूआ तक नहीं ये लड़का झूठ बोल रहा है हे दुर्गा मां क्योंकि मैं जानती हूं आप मेरे साथ हो यदि मैं सच्चे मन से सदैव आपका नाम लिया है तो मेरी रक्षा करो मां मेरी रक्षा करो
रिया ये कहते हुए रोने लगती है और उसके आंखों आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे
सब गांव वाले देखते हैं मां दुर्गा की आंखों से आंसू बह रहे थे और वो आंसू बहते बहते देखते ही देखते पूरे मंदिर में बाढ़ आ जाती है पानी गांव को अपनी चपेट में लेने लगता है
40 साल का आदमी : - लगता है हमसे कोई भूल हुई है हमने मां दुर्गा का दिल दुखाया है तभी मां दुर्गा आज हमसे बदला ले रही है तभी उनकी आंखों में आंसू है आज हमें उनके क्रोध से कौन बचाएगा
गुंडा : - मुझे माफ कर दो मैं डूब रहा हूं मैं तो तुम्हारी जेठानी के कहने पर ही ये सब किया था उन्होंने ही मुझे हीरो का हार दिया था और कहा था कि ये सब करो मुझे बचा लो मैं डूब जाऊंगा
40 साल का female : - हमने एक बेकसूर पर झूठा इल्जाम लगाया दुर्गा मैया का क्रोध हम सबको ले डूबेगा
रिया की जेठानी : - देखो रिया का तो पानी छू ही नहीं रहा हम सब डूब जाएंगे हमने पाप किया है
हे मां मुझे एक गलती हो गई मुझे माफ कर दो
जिस जिसने रिया का दिल दुखाया था वो सभी बाढ में डूबने लगे
रिया बहू : - हे दुर्गा मां आप दया की देवी हो इन सबको माफ कर दो
रिया की प्रार्थना पर बाढ़ का पानी उतर जाता है सब कुछ पहले जैसा हो जाता है और मां दुर्गा साथ-साथ पीले शेर पर सवार होकर सबको दर्शन देती है
सभी उनके समक्ष हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं
दूर्गा मां : - रिया बेटी आज तेरे कहने पर मैंने इन सब को माफ कर दिया लेकिन जब भी कोई भी अबला नारी का दिल दुखायेगा तो मैं उसे जलाकर भस्म कर दूंगी
रिया मेरी बच्ची मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ सदैव रहेगा तुम अपने पति और परिवार के साथ हमेशा खुश रहना कोई भी तुझे मनूहूस नहीं कहेगा सुख से अपना जीवन यापन करो
मां दुर्गा के आशीर्वाद से रिया का पति भी उसी दिन से बिल्कुल ठीक हो जाता है और उस दिन के बाद सभी रिया का आदर सम्मान करने लगे
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