बिरयानी वाला

 पालनपुर गांव में इमरान नाम का एक बिरयानी वाला था इमरान इतनी स्वादिष्ट बिरयानी बनाता था कि उसके गांव के साथ-साथ उसके पास के गांव के लोग भी उसकी बिरयानी खाने आया करते थे


एक दिन एक ग्राहक आता है और कहता है



ग्राहक 1   :    इमरान भैया एक प्लेट चिकन बिरयानी लगाना 

आज बहुत मन कर रहा है आपके हाथ की चिकन बिरयानी खाने का 

कल मैं अपनी पत्नी से कहकर चिकन बिरयानी बनवाई थी लेकिन जो स्वाद आपकी चिकन बिरयानी में है वो स्वाद और कहीं भी नहीं है

ग्राहक 2   :   सच कहा भैया 

मुझे तो रोज ही इमरान भाई की बिरयानी खाने की आदत ही लग गई है 

जिस  दिन इमरान भाई की बिरयानी नहीं खाऊं उस दिन मुझे तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता


दुकान  :   अगर ऐसी बात है भैया तो मुझे माफ कर देना मुझे कुछ दिन अपनी दुकान बंद रखनी पड़ेगी

शहर में मेरे एक रिश्तेदार के यहां शादी है इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए उसके वहां जा रहा हूं


ग्राहक 2  :

अरे इमरान भैया आप चले जाओगे तो हमें इतनी स्वादिष्ट बिरयानी कौन खिलाएगा खैर जल्दी वापस आना


दुकान  :  

बिल्कुल भैया जल्दी आ जाऊंगा




इमरान कुछ दिन के लिए अपनी बीवी और बच्चों के साथ शहर शादी में चला जाता है कुछ दिन वहां बिताने के बाद वापस गांव जाने के लिए जब रेलवे स्टेशन पर जाता है तो उनकी ट्रेन 6 घंटे लेट हो जाती है इस बीच उन तीनों को बहुत तेज भूख लगती है

तभी इमरान  रेलवे स्टेशन के बाहर कुछ खाने पीने के लिए ढूंढता है

वहां एक बिरयानी का रेस्टोरेंट दिखाई देता है वो अपनी बीवी बच्चों को लेकर उस रेस्टोरेंट में चला जाता है




 दुकान वाला ग्राहक  :    आपके पास कौन-कौन सी बिरयानी है भैया



रेस्टोरेंट वेटर  :     हमारे पास वेज और नॉनवेज दोनों तरह की बिरयानी है आप बताइए आपको कौन सी बिरयानी खानी है






दुकान वाला ग्राहक     :     भैया हम सबको तो नॉनवेज बिरयानी ही पसंद है आप हम तीनों के लिए चिकन बिरयानी ले आए



बेटी   :     नहीं पापा आज मेरा चिकन बिरयानी खाने का बिल्कुल भी मन नहीं है आप मेरे लिए वेज बिरयानी मंगा लीजिए प्लीज पापा




दुकान वाला ग्राहक    :    हां हां ठीक है आप दो प्लेट चिकन बिरयानी और मेरी बेटी के लिए वेज बिरयानी ले आए





दुकान वाला ग्राहक  :    अरे ये कैसे बिरयानी है

 इसमें तो बिरयानी वाला कोई स्वाद ही नहीं है और नीचे से कड़े मसाले की अच्छी खुशबू आ रही है इन लोगों ने तो बिरयानी के नाम पर हमें बिल्कुल सादा पुलाव खिला दिया

लोग सही तो कहते हैं ये ऊंची दुकान वालों के पकवान हमेशा ही पीके ही होते हैं






वो सभी मन मार कर बिरयानी खा लेते हैं लेकिन जब बिरयानी का बिल देखे हैं तो उनके होश उड़ जाते हैं और इमरान कहता है



दुकान वाला ग्राहक  :   बाप रे बाप एक प्लेट बिरयानी ₹400 की है आज तो हजार रुपए का चूना लग गया

खाने में कुछ स्वाद भी नहीं आया वो अलग






इमरान बिल के पैसे देता है

इमरान जब गांव वापस आता है तो मन ही मन सोचता है


दुकान वाला  :    शहर में उस रेस्टोरेंट में ऐसी फीकिसी बिरयानी को भी लोग इतने चावस से खा रहे थे वो भी इतने सारे पैसे देकर और यहां मैं इतनी स्वादिष्ट बिरयानी को इतने कम पैसों में बेच रहा हूं इसलिए मैं आज तक अमीर नहीं बन पाया आज से मैं भी अपनी बिरयानी का दाम बढ़ा दूंगा वैसे भी मेरे जैसी बिरयानी कोई नही बनाता इसलिए लोग तो मेरे पास बिरयानी खाने आएंगे



ये सोचकर इमरान अपनी बिरयानी के दाम बढ़ा देता है ग्राहक उसकी दुकान पर आते तो अचानक बिरयानी का दाम बड़ा हुआ देखकर उसे पूछने लगते हैं




ग्राहक  :    अरे क्या बात है भैया शहर से आते ही बिरयानी का दाम बढ़ा दिया



दुकान वाला  :    मैं काफी समय से बिरयानी का दाम बढ़ाने के बारे में सोच रहा था भैया क्या करूं महंगाई इतनी बढ़ गई है अब इतने पैसों में गुजारा नहीं होता और घोष का दाम भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है दाम नहीं बढ़ाऊंगा तो कुछ ही दिनों में मुझे अपनी दुकान ही बंद करनी पड़ेगी भैया




ग्राहक  :   ऐसा मत करो अगर तुमने अपनी दुकान बंद कर दी तो हम इतनी स्वादिष्ट बिरयानी कहां खा पाएंगे



ग्राहकों की ऐसी बातें सुनकर उसको खुद पर घमंड आ जाता है 



दुकान वाला  :     कि मेरी जैसी बिरयानी तो कोई बना ही नहीं सकता अगर मैं बिरयानी का दाम बढ़ा भी दूं तो ये ज्यादा पैसों में कम बिरयानी बेचूंगा लोग तो  मेरे पास बिरयानी खाने आएंगे ही 




ये सोचकर धीरे-धीरे उसके मन का लालच और बढ़ जाता है और वो ज्यादा पैसों में लोगों कम बिरयानी देने लगता है




एक दिन एक ग्राहक कहता है



ग्राहक  :    ओ भैया  पहले तो तुम ₹100 में भरपेट बिरयानी दिया करते थे लेकिन अब तो तुम्हारी ₹100 की बिरयानी में मेरा पेट ही नहीं भरा तुमने बिरयानी की मात्रा बहुत ही कम कर दी है





दुकान वाला     :      नहीं नहीं भैया मैं तो अभी भी उतनी बिरयानी देता हूं जितनी पहले देता था मैंने बिरयानी कम नहीं की है तुम्हारी भूख बढ़ गई है तू एक की जगह दो प्लेट बिरयानी खाना शुरू कर दो



ग्राहक  :    अगर रोज इतने पैसे की बिरयानी खाऊंगा तो घर में क्या पैसे भेजूंगा



एक तरफ तो इमरान ने बिरयानी का दाम बढ़ाया बिरयानी की मात्रा कम कर दी ऐसा करने से उसका मुनाफा भी बढ़ गया था लेकिन उसके बाद उसके मन को संतुष्टि नहीं हुई तो उसने बिरयानी में बिल्कुल सस्ती वाली खराब सब्जियां और सस्ता गोश्त इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जिससे उसकी बिरयानी के स्वाद में भी फर्क आ गया एक दिन एक ग्राहक कहता है



ग्राहक  :  क्या बात है भैया तुम्हारी बिरयानी में बात नहीं रही तुमने बिरयानी का दाम भी बढ़ा दिया लेकिन उसके बाद भी तुम्हारी बिरयानी का स्वाद दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है अब तो तुम्हारी बिरयानी खाने का बिल्कुल मजा ही नहीं आता



दुकान वाला     :       कैसी बात कर रहे हो भैया ऐसा कैसे हो सकता है कि इमरान की बनाई हुई बिरयानी में लोगों को स्वाद नहीं आए आज थोड़ा मसाला कम हो गया इसलिए ऐसा लग रहा है आपको मैं आपको शिकायत का बिल्कुल मौका नहीं देता आप चिंता मत करो



पुराने और खराब गोश्त के कारण उसकी बिरयानी का स्वाद खराब होता जा रहा था इसलिए उसने बिरयानी का स्वाद बढ़ाने के लिए  उसमें तेज मसाले डालना शुरू कर दिए जिससे लोगों को खराब सब्जी और गोश्त के बारे में कुछ पता ही नहीं चला उन लोगों के साथ छल कपट करके खूब पैसे कमाए तभी एक दिन उसकी दुकान पर बिरयानी खाते हुए ग्राहक के पेट में अचानक दर्द होने लगा





ग्राहक  1  :    क्या हुआ रमेश तो ठीक तो है ना







ग्राहक  2  :      नहीं भैया मेरे पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा है मुझे बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा है तुम मुझे डॉक्टर के पास ले चलो तुम्हारी बड़ी मेहरबानी होगी



इमरान उस आदमी को डॉक्टर के पास ले गया और डॉक्टर ने उसे दवाई दी दवाई खाने के बाद वो ठीक हो गया लेकिन अब ये सिलसिला हो गया था इमरान की दुकान से बिरयानी खाने वाले लोगों की तबीयत खराब होने लगी जैसे गांव वाले लोगों को उस शक होने लगा तभी एक दिन गांव की कुछ लोग झुंड बनाकर उसके बारे में बात करने लगे



गांव वाले     :       जब से इमरान  शहर से आया इसके मन में लालच में घर कर लिया है पहले तो इसने बिरयानी का दाम बढ़ाया बिरयानी की मात्रा भी कम कर दी और अब तो उसकी बिरयानी खाकर लोगों की तबीयत भी खराब होने लगी है हमें इमरान पर नजर रखनी चाहिए कि आखिर बिरयानी के लिए कैसे समान का इस्तेमाल करता है अचानक सब लोगों की तबीयत ऐसी खराब तो नहीं हो सकती




गांव के बाकी लोग भी रमेश की बात से सहमत होते हैं वो सभी लोग उसी दिन से इमरान के ऊपर नजर रखनी शुरू कर देते हैं सब्जियां खरीदने हुए देखते हैं



दुकान वाला     :      भैया तुम्हारे पास जो सबसे सस्ती गली सब्जियां है वो मुझे दे दो




गांव वाले     :    अच्छा लोग बीमार हो रहे हैं मैं अभी अभी इसकी वीडियो बनाता हूं इसके खिलाफ सबूत के तौर पर हमारे पास कुछ तो होना चाहिए




इसके बाद इमरान गोश्त वाले के पास जाता है और सबसे सस्ता गोश्त खरीद लेता है



गांव वाले  1   :     हमने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था ये पैसों के लिए इतना लालची हो जाएगा कि हम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने लगेगा अगर हमने आज इसकी कंप्लेन नहीं की तो कल को तो यार अपने लालच के लिए ना जाने हमारे साथ क्या करेगा




गांव वाले  2   :     सही कह रहे हो भैया चलो अभी के अभी पुलिस के पास चलते हैं




गांव वाले  1   :      नहीं पहले इसकी बिरयानी बनाते हुए वीडियो बनानी होगी उसके बाद ही हम पुलिस के पास जाएंगे



इमरान घर जाकर उन सडी गली सब्जियों और गोश्त से बिरयानी बनाता है रमेश उसकी खिड़की से चुपके से उसकी वीडियो बना लेता है वो वीडियो लेकर गांव वाले पुलिस स्टेशन पहुंच जाते हैं

और पुलिस को सारी बात सबूत के तौर पर वो वीडियो दिखाते हैं तो पुलिस कहती है






इंस्पेक्टर     :    अच्छा तो ऐसी बात है आप सब लोग चिंता मत करो मैं अभी के अभी अपनी टीम के साथ जाकर उसे अरेस्ट करता हूं




पुलिस वाले गांव वालों के साथ इमरान की बिरयानी की दुकान पर पहुंचते हैं अपने सामने पुलिस को देखकर एक बालाचनक से घबरा जाता है और कहता है



दुकान वाला     :      क्या हुआ इंस्पेक्टर साहब आप यहां पर मेरे हाथ की बिरयानी खानी है क्या




इंस्पेक्टर     :     हम तेरे हाथ की बिरयानी नहीं खाने आए बेटा लेकिन तुझे साथ ले जाकर जेल की रोटी जरूर खिलाएंगे तू लोगों को सडी गली सब्जियों और सस्ते गोश्त से बनी बिरयानी खिलाता है



दुकान वाला     :      नहीं नहीं मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया मैं तो ताजी सब्जियां और ताजा गोसाई बिरयानी बनाता हूं आपको कोई गलतफहमी हो गई है




इंस्पेक्टर     :     हमारे सामने ज्यादा होशियारी मत बन इन सभी ने लाइव वीडियो  बनाई है हमारे पास पूरे सबूत है इसलिए चुपचाप चलकर गाड़ी में बैठ जा वरना कान के नीचे दूंगा एक




पुलिस उन गांव वालों के सामने इमरान को गिरफ्तार कर लेती है लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने के कारण उसे कई साल की सजा हो जाती है अपनी गलती के कारण उसे जेल की रोटी खानी पड़ती है और उसकी पत्नी को लोगों के घरों में काम करके अपना और बच्चे का पेट पालना पड़ता है



इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि कभी लालच नहीं करना चाहिए और कभी भी अपने स्वार्थ के कारण दूसरों की सेहत से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए हमारे पास जितना है उसमें हमें संतुष्ट करना चाहिए और आगे बढ़ाने के लिए बिना किसी छल कपट के साथ मेहनत के साथ आगे बढ़ना चाहिए


















Comments

Popular posts from this blog

Background Character

Male

लकड़ी का जादुई शीशा