kachudi ये वो
मेरे पास कुछ भी नहीं है ऊपर से मेरा शराबी पति कुछ तो चला गया
और मेरे ये कर्ज छोड़ गया
अब कैसे मैं और मेरी बच्ची जीवन कटेगी
मैं तो अनपढ़ हूं मुझे कोई काम भी नहीं आता
वो खुद तो अपना पल्ला झाड़ के चले गए
ऊपर से हमें भी मुसीबत में छोड़कर चले गए
तुम चिंता मत करो मां
एक दिन भगवान भी सब ठीक कर देंगे
तभी वहां मकान मालिक आ जाता है और कई दिन से मकान का किराया नहीं भरने के कारण पूनम और उसकी बेटी को घर से निकाल देता है
ए चल बाहर
निकल घर से चल
चल बाहर निकल
फिर चलते-चलते पूनम को रास्ते में
उसकी पुरानी सहेली संगीता मिलती है
जिसे पूनम अपनी हालत के बारे में बताती है जिससे संगीता को बड़ी दया आती है और संगीता पूनम से कहती है
वैसे पूनम मेरे पास एक दुकान खाली पड़ी है
मुझे कई दिनों से समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं
फिर मुझे तेरे हाथ की वह कचौड़ी याद आई जो तूने मुझे खिलाई थी वह बहुत ही स्वादिष्ट थी
मैं इस बारे में तुमसे बात करने तेरे घर ही आ रही थी
मेरी उस दुकान में कचोरी बनाकर बेचना और उसके पीछे जो स्टोर रूम है तुम दोनों वहीं रह लेना
यह सुनकर पूनम बहुत खुश होती है
और वह इस काम के लिए मान जाती है
पूनम उस दुकान में कचोरी बनाकर बेचने लगती है
उसके हाथों की कचोरी सबको बहुत पसंद आती है
लेकिन संगीता को लगता है कि यह उसकी वजह से हो रहा है
मेरी दुकान का नाम देखो बहुत हो रहा है सब यहीं आ रहे हैं कचोरी खाने के लिए
मुझे भी नहीं पता था संगीता की मेरे हाथ की कचोरी में इतना स्वाद है
क्या कहा तुम्हारे हाथ की कचोरी यह तो मेरी दुकान का असर है नहीं तो तुम्हारे जैसी कचोरी तो हर कोई बना ले
दोनों में मतभेद होता है और संगीता पूनम को कम से निकाल देती है पूनम अपनी बेटी के साथ जंगल की तरफ चल पड़ती है तभी जंगल में उसे एक बुढ़िया मिलती है वह उससे कहती है
बेटा यह सामान मेरे घर तक पहुंचा दो
मुझ में इतनी हिम्मत नहीं है कि
मैं यह सामान लेकर घर जा सकूं
पूनम उसका सामान लेकर उसकी झोपड़ी तक ले जाती है फिर वह बुढ़िया उससे कहती है
बहुत भूख लगी है हो सके तो तू मेरे लिए कुछ बना दे फिर तू और यह बच्ची भी यही खाना खा लेना
मां कचोरी बना तुम तो बहुत अच्छी बनाती हो
पूनम कचोरी बनती है और वह बुढ़िया कचोरी खाती है बुढ़िया को कचोरी बहुत अच्छी लगती है जब पूनम वह वह बच्ची वहां से जाने लगती है तो बुढ़िया शेष कचोरी में से एक कचोरी उठाती है और मंत्र पढ़ने लगती है वह कचोरी पूनम को देते हुए कहती है
तुमने मेरी बहुत मदद की है
बेटी यह कचौड़ी जादुई कचौड़ी बन गई है
तुम अपनी कचोरी का ढेला खोलने और इस कचोरी को अपने ठेले के पास रखना इससे तुम्हारी सारी समस्याएं दूर हो जाएगी
यह कहकर वह बुढ़िया गायब हो जाती है
यह देखकर पूनम और वह बच्ची डर जाती है
बाद में वह कचोरी अपने जादू आकार में आ जाती है और कहने लगती है
अब तुम मेरे पर बैठकर कहां भी जा सकती हो और जो भी कचौड़ी बनाओगी वह बहुत ही स्वादिष्ट होगी
लेकिन वह अम्मा कहां गायब हो गई
वह एक जादुई औरत थी जो इस जंगल में कई सालों से कैद थी उसे शराब मिला था कि जब उसे कोई नेक दिल औरत अपने हाथों से बना कर कचौड़ी खिलाएगी उसके बाद ही आजाद हो पाएगी
और आज उसे तुम्हारे कारण मुक्ति मिल गई है और उसने मुझ में अपनी सारी शक्तियां डाल दी
यह सुनकर पूनम और उसकी बच्ची काफी खुश होते हैं तभी अचानक धरती हिलने लगती है और तेज भूकंप आने लगता है
मां मां यह क्या हो रहा है मां मां देखो यह क्या हो रहा है मां
घबराओ मत आओ मुझ पर बैठ जाओ
फिर वह दोनों उसका चोरी पर बैठकर वापस अपने गांव पहुंच जाती है
और वहां जाकर अपनी बचत के कुछ पैसों से किराए की झोपड़ी खरीद कर वहां रहने लगती है
और साथ ही कुछ सामान खरीद कर कचोरी बनाकर बेचने लगती है उसे जादुई कचोरी को ठेले पर रखती है तो सभी कचौड़ियों का स्वाद और भी काफी अच्छा हो जाता है
बहुत सारे लोग उनकी कचौड़ियों का सुगंध से उसके ठेले के पास आ जाते हैं और उसकी कचौड़ियों का का संवाद चेक कर तो मदहोश ही हो जाते हैं
अब उसका काम बहुत अच्छा चलने लगता है वह कुछ ही समय में बहुत सारे पैसे कमा लेती है
और फिर वह अपने मरे हुए पति के सारे कर्ज भी चुका देती है और अपने लिए एकदम नया घर बना लेती है
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