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Male

 ग्राहक 1   :    इमरान भैया एक प्लेट चिकन बिरयानी लगाना  आज बहुत मन कर रहा है आपके हाथ की चिकन बिरयानी खाने का  कल मैं अपनी पत्नी से कहकर चिकन बिरयानी बनवाई थी लेकिन जो स्वाद आपकी चिकन बिरयानी में है वो स्वाद और कहीं भी नहीं है ग्राहक 2   :   सच कहा भैया  मुझे तो रोज ही इमरान भाई की बिरयानी खाने की आदत ही लग गई है  जिस  दिन इमरान भाई की बिरयानी नहीं खाऊं उस दिन मुझे तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता दुकान  :   अगर ऐसी बात है भैया तो मुझे माफ कर देना मुझे कुछ दिन अपनी दुकान बंद रखनी पड़ेगी शहर में मेरे एक रिश्तेदार के यहां शादी है इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए उसके वहां जा रहा हूं ग्राहक 2  : अरे इमरान भैया आप चले जाओगे तो हमें इतनी स्वादिष्ट बिरयानी कौन खिलाएगा खैर जल्दी वापस आना दुकान  :   बिल्कुल भैया जल्दी आ जाऊंगा  दुकान वाला ग्राहक  :    आपके पास कौन-कौन सी बिरयानी है भैया रेस्टोरेंट वेटर  :     हमारे पास वेज और नॉनवेज दोनों तरह की बिरयानी है आप बताइए आपको कौन सी बिरयानी खानी है दुकान वाला ग्राहक     :     भैया हम सबको तो नॉनवेज बिरयानी ही पसंद है आप हम तीनों के लिए चिकन बिरयानी ले आए दु
 मेरे पास कुछ भी नहीं है ऊपर से मेरा शराबी पति कुछ तो चला गया  और मेरे ये कर्ज  छोड़ गया  अब कैसे मैं और मेरी बच्ची जीवन कटेगी  मैं तो अनपढ़ हूं मुझे कोई काम भी नहीं आता  वो खुद तो अपना पल्ला झाड़ के चले गए ऊपर से हमें भी मुसीबत में छोड़कर चले गए तुम चिंता मत करो मां  एक दिन भगवान भी सब ठीक कर देंगे तभी वहां मकान मालिक आ जाता है और कई दिन से मकान का किराया नहीं भरने के कारण पूनम और उसकी बेटी को घर से निकाल देता है ए चल बाहर  निकल घर से चल  चल बाहर निकल फिर चलते-चलते पूनम को रास्ते में उसकी पुरानी सहेली संगीता मिलती है  जिसे पूनम अपनी हालत के बारे में बताती है जिससे संगीता को बड़ी दया आती है और संगीता पूनम से कहती है वैसे पूनम मेरे पास एक दुकान खाली पड़ी है  मुझे कई दिनों से समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं  फिर मुझे तेरे हाथ की वह कचौड़ी याद आई जो तूने मुझे खिलाई थी वह बहुत ही स्वादिष्ट थी  मैं इस बारे में तुमसे बात करने तेरे घर ही आ रही थी  मेरी उस दुकान में कचोरी बनाकर बेचना और उसके पीछे जो स्टोर रूम है तुम दोनों वहीं रह लेना यह सुनकर पूनम बहुत खुश होती है  और वह इस काम के लिए

बिरयानी वाला

 पालनपुर गांव में इमरान नाम का एक बिरयानी वाला था इमरान इतनी स्वादिष्ट बिरयानी बनाता था कि उसके गांव के साथ-साथ उसके पास के गांव के लोग भी उसकी बिरयानी खाने आया करते थे एक दिन एक ग्राहक आता है और कहता है ग्राहक 1   :    इमरान भैया एक प्लेट चिकन बिरयानी लगाना  आज बहुत मन कर रहा है आपके हाथ की चिकन बिरयानी खाने का  कल मैं अपनी पत्नी से कहकर चिकन बिरयानी बनवाई थी लेकिन जो स्वाद आपकी चिकन बिरयानी में है वो स्वाद और कहीं भी नहीं है ग्राहक 2   :   सच कहा भैया  मुझे तो रोज ही इमरान भाई की बिरयानी खाने की आदत ही लग गई है  जिस  दिन इमरान भाई की बिरयानी नहीं खाऊं उस दिन मुझे तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता दुकान  :   अगर ऐसी बात है भैया तो मुझे माफ कर देना मुझे कुछ दिन अपनी दुकान बंद रखनी पड़ेगी शहर में मेरे एक रिश्तेदार के यहां शादी है इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए उसके वहां जा रहा हूं ग्राहक 2  : अरे इमरान भैया आप चले जाओगे तो हमें इतनी स्वादिष्ट बिरयानी कौन खिलाएगा खैर जल्दी वापस आना दुकान  :   बिल्कुल भैया जल्दी आ जाऊंगा इमरान कुछ दिन के लिए अपनी बीवी और बच्चों के साथ शहर शादी में चला जाता है कुछ

kachudi ये वो

 मेरे पास कुछ भी नहीं है ऊपर से मेरा शराबी पति कुछ तो चला गया  और मेरे ये कर्ज  छोड़ गया  अब कैसे मैं और मेरी बच्ची जीवन कटेगी  मैं तो अनपढ़ हूं मुझे कोई काम भी नहीं आता  वो खुद तो अपना पल्ला झाड़ के चले गए ऊपर से हमें भी मुसीबत में छोड़कर चले गए तुम चिंता मत करो मां  एक दिन भगवान भी सब ठीक कर देंगे तभी वहां मकान मालिक आ जाता है और कई दिन से मकान का किराया नहीं भरने के कारण पूनम और उसकी बेटी को घर से निकाल देता है ए चल बाहर  निकल घर से चल  चल बाहर निकल फिर चलते-चलते पूनम को रास्ते में उसकी पुरानी सहेली संगीता मिलती है  जिसे पूनम अपनी हालत के बारे में बताती है जिससे संगीता को बड़ी दया आती है और संगीता पूनम से कहती है वैसे पूनम मेरे पास एक दुकान खाली पड़ी है  मुझे कई दिनों से समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं  फिर मुझे तेरे हाथ की वह कचौड़ी याद आई जो तूने मुझे खिलाई थी वह बहुत ही स्वादिष्ट थी  मैं इस बारे में तुमसे बात करने तेरे घर ही आ रही थी  मेरी उस दुकान में कचोरी बनाकर बेचना और उसके पीछे जो स्टोर रूम है तुम दोनों वहीं रह लेना यह सुनकर पूनम बहुत खुश होती है  और वह इस काम के लिए
मेरे पास कुछ भी नहीं है ऊपर से मेरा शराबी पति कुछ तो चला गया और मेरे यह कर्ज  छोड़ गया अब कैसे मैं और मेरी बच्ची जीवन कटेगी मैं तो अनपढ़ हूं मुझे कोई काम भी नहीं आता वह खुद तो अपना पल्ला झाड़ के चले गए ऊपर से हमें भी मुसीबत में छोड़कर चले गए तुम चिंता मत करो मां एक दिन भगवान भी सब ठीक कर देंगे तभी वहां मकान मालिक आ जाता है और कई दिन से मकान का किराया नहीं भरने के कारण पूनम और उसकी बेटी को घर से निकाल देता है ए चल बाहर निकल घर से चल चल बाहर निकल फिर चलते-चलते पूनम को रास्ते में उसकी पुरानी सहेली संगीता मिलती है जिसे पूनम अपनी हालत के बारे में बताती है जिससे संगीता को बड़ी दया आती है और संगीता पूनम से कहती है वैसे पूनम मेरे पास एक दुकान खाली पड़ी है मुझे कई दिनों से समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं फिर मुझे तेरे हाथ की वह कचौड़ी याद आई जो तूने मुझे खिलाई थी वह बहुत ही स्वादिष्ट थी मैं इस बारे में तुमसे बात करने तेरे घर ही आ रही थी मेरी उसे दुकान में कचोरी बनाकर बेचना और उसके पीछे जो स्टोर रूम है तुम दोनों वहीं रह लेना यह सुनकर पूनम बहुत खुश होती है और वह इस काम के लिए मान जाती है प

Background Character

  सुलेखा की शादी नागपुर में  सुभाष के साथ 7 साल पहले हुई थी सुभाष बहुत ही एरियल स्वभाव का था सुभाष हर वक्त सुलेखा को तने मारता  की 7 साल की शादी में अभी तक एक भी बच्चा उसने पैदा नहीं  किया  सुलेखा बहुत दुखी रहने लगी  1 दिन सुभाष सुलेखा को छोड़कर चला गया सुलेखा को पता चला कि सुभाष दूसरी शादी करके किसी और के साथ रहने लगा है सुलेखा को कुछ समझ नहीं आया कि इतना बड़ा दुख लेकर वो अपनी माँ के पास कैसे जाए  क्योंकि उसकी बुङी माँ पहले ही बीमार रहती  थी क्योंकि सुलेखा के पास और कोई चारा नहीं था वो अपने मां के घर चली जाती है सुलेखा रोने लगती है उसका दुख देखकर जानकी सदमे में रहने लगती है  सुलेखा को एक-दो दिन आये हुए होते है अचानक काम करते हुए सुलेखा बेहोश हो जाती है  जानकी बराबर में रहने वाली हकीम को बुलाती है  सुलेखा के साथ जो भी गलत हुआ था  वो उसको दोबारा याद नहीं करना चाहती थी  धीरे-धीरे दिन बीते गई सुलेखा को पैसे की जरूरत थी इसलिए वो घरों में चौका बर्तन का काम करने लगी सारा दिन घरों में करके वो  थकि हरि घर लोटती थी। गर्भवती होने के कारण उसे काम करने में तकलीफ तो  होती थी पर उसे बच्चे के लिए मेह

female

 सुलेखा बेटी तु अचानक  क्या हुआ और दामादजी नहीं आए माँ  वो मुझे छोङ कर चले गये  इन्होंने किसी और से शादी कर ली  क्योंकि  मैं  उन्हें बच्चा नहीं दे पाई। सुलेखा तू मां बनने वाली है बेटी मां मै क्या करू मेरा जीवन एक ऐसे दोराहा पर आकर खड़ा हो गया है  जिसमें पीछे मोड़ने का कोई फायदा नहीं है  मुझे अब इस बच्चे के लिए खुद जिम्मेदारी संभालनी है  एक गर्भवती मां का प्यार मेरे बच्चे को मां बाप दोनों का प्यार देगा सुलेखा तुम एक छोटे बच्चे के साथ  काम पर आती हो   सारा  ध्यान तो तुम्हारा  इसके देखभाल मैं लगा रहता है  वैसे तो तुम कोई काम नहीं कर पाओगी  तुम अपना हिसाब कर लो  कल से काम पर मत आना मैं क्या करूं  मेरे सारे घर धीरे-धीरे छूट गई पैसे भी खत्म हो गए  मुन्ना रो मत  मैं तेरे लिए अभी दूध लाऊंगी भैया थोड़ा सा दूध मिलेगा मेरा बच्चा बहुत भूखा है सुलेखा ओ बेटी सुलेखा जल्दी से बाहर आ  झुकियो में आग लग गई है अरे ये  आग कैसे लगी  मैं कैसे झुकियो से बाहर निकलूं  अरे मेरा बच्चा मैं कैसे जाऊँ  इस झुकियो से बाहर दरवाजे पर तो आग है  ये ये चादर लपेट देती हूं    हा मुन्ने को हाँ ये ठीक रहेगा अरे सुमित तुम्हारे